11/07/2015

About Hardwork in Hindi

पहचाने कर्म की शक्ति (Power of Karma):

आज का मनुष्य बहुत ऊंचाई पर पहुँच चुका हैं | वह पक्षियों की तरह आकाश में उड़कर कुछ घंटो में एक स्थान से दुसरे स्थान पर आराम से जा सकता हैं| उसने अपनी सुविधाओं की सभी चीज़े खुद ही निर्मित कर ली हैं| और नित नए-नए अविष्कारों के माध्यम से जीवन को और अधिक सरल और आरामदायी बनाने में लगा हुआ हैं| आज मनुष्य अपने सभी कुछ दैनिक कार्यों को सिर्फ एक बटन को दबाने से ही कर लेता हैं| लेकिन इन सभी बड़ी-बड़ी सफलताओं के पीछे क्या राज हैं| क्या कारण हैं की मनुष्य ने एक के बाद एक बड़ी से बड़ी ऊँचाइयों को छु लिया हैं| इस सब के पीछे सबसे बड़ा कारण उसकी कर्म करने की आदत से हैं| आज हम अपने जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए जिस किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करते हैं वो वस्तु किसी अन्य व्यक्ति के कठोर कर्म करने के बाद ही बन पायी हैं| किसी व्यक्ति ने रातों रात जागकर किसी छोटी सी सफलता को प्राप्त करने के लिए अपने जीवन के कई साल लगाये हैं| तब जाकर उन्होंने सफलता का मुंह देखा हैं| वह हजारों बार असफल हुये लेकिन कर्म का साथ नहीं छोड़ा| और मनचाही सफलता को पाया| दुनिया भर के इतिहास में या आज के दिनों में हम जिस भी इंसान को सफल देखते हैं उन सभी व्यक्तियों की सफलता का राज कठोर कर्म करना ही था| ये बात हजारों करोड़ वर्षों पहले जितनी सच थी आज भी उतनी ही सत्य हैं| कर्म ही वह शक्ति हैं जो मनुष्य को एक आम आदमी से श्रेष्ठ की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती हैं| आप बस अपना कर्म कीजिये बाकी सब उस परम शक्ति ‘ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु पर छोड़ दे| आज हम जिन सभी  व्यक्ति को अपने आस-पास सफल देखते हैं उन सभी में एक बात समान हैं कि वे सब कर्म करने से मन नहीं चुराते हैं| और निरंतर बिना रुके अपने लक्ष्य को पाने के लिए कर्म करते रहते हैं| मनुष्य का जीवन कर्म किये बिना एक कदम भी नहीं चल सकता हैं| फिर भी कुछ लोग कर्म की शक्ति को भूलकर भाग्य पर भरोसा कर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते हैं| वे सब ये सोचते हैं कि इंसान को जो कुछ भी मिलता हैं वो सब उसे उसके भाग्य से ही प्राप्त होता हैं अगर हमारे भाग्य में सफलता लिखी ही नहीं हैं तो हमें सफलता कैसे मिल जायेंगी| कुछ लोग भगवान  के भरोसे ही इस अमूल्य जीवन को सौंप देते हैं| वह कहते हैं की हमें तो भगवान ही सब कुछ देगा हमें कर्म करने की क्या जरूरत हैं| लेकिन उन लोगो को यह समझना चाहिए की ईश्वर भी उन्ही लोगो की मदद करते हैं जो अपनी मदद स्वयं करते हैं| और भगवान की पूजा की दूसरा नाम कर्म ही तो हैं| ईश्वर के पास तो सभी वस्तुओं के भंडार भरे पड़े हैं| वह तो आपको आपके हिस्से की सफलता देने को तैयार बैठें हैं| और आप हैं की उसके इशारे को नहीं समझ पा रहें हैं| भगवान् कहते हैं कि आप सफलता के लिए कर्म करें और में आपको वह जब कुछ दे दूंगा जिस किसी चीज़ को पाने की आपको जिज्ञासा हैं| जलते चूल्हे में से रोटी निकलने के लिए चिमटे को अपना मुंह जलाना ही पड़ता हैं| इसी तरह जीवन में सफलता पाने के लिए कर्म तो करना ही पड़ेगा| हमारा समाज एक कर्म प्रधान समाज हैं| जो व्यक्ति जितनी मेहनत करता हैं वह उतना ही अधिक सफल हो जाता हैं|

कर्म क्यों किया जाएँ

क्योंकि कर्म भाग्य से बड़ा हैं   

हम भाग्य पर भरोसा कर हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठ सकते हैं| क्योंकि भाग्य आपको आपके जीवन में झूठी दिलासा देने के अलावा और कुछ नहीं देने वाला| आप सोचते रहेंगे की आज से मेरा भाग्य जाग जायेगा| अगले वर्ष में सफल हो जाऊंगा और पूरे वर्ष में अपना कीमती समय इस भरोसे पर ही बरबाद कर देंगे| कुछ लोग हाथों की रेखाओं पर, धार्मिक गुरु पर विश्वास कर सफलता के इंतज़ार में समय व्यतीत करते रहते हैं| लोगो को समझना चाहिए की हमारी सफलता हमारे हाथों की रेखाओं में नहीं बल्कि हमारे पूरे हाथ की शक्ति में हैं| इन दोनों हाथों से किये गए कर्म की शक्ति में ही छुपी हुई हैं| अत: भाग्य पर भरोसा करना बिलकुल भी ठीक नहीं हैं इसीलिए भाग्य को शक्तिहीन समझकर कर्म के महत्व को समझकर मनुष्य को कर्म करना चाहिए|

धार्मिक ग्रंथों में कर्म की व्याख्या

सभी धर्मों के धार्मिक ग्रंथों में कर्म को सर्वोपरि मन गया हैं | हर एक ग्रन्थ में कर्म का उल्लेख किया गया हैं| अत: जो बात करोडो साल पहले हमारे देवी-देवताओं, पीर बाबाओ ने मानी हैं तो उसमे कुछ तो सच्चाई होगी| इस आधार को मानकर भी हम कर्म को अपने जीवन में महत्व दे सकते हैं|
   
कलयुग में मोक्ष प्राप्ति के लिए

अगर आप धार्मिक हैं और परमेश्वर की शक्ति को मानते हैं और इस बात पर विश्वास करते हैं कि इन्सान के जीवन का ध्येय मोक्ष की प्राप्ति हैं| तो इस कलयुग में मोक्ष की प्राप्ति के लिए दो ही चीज़े हैं| पहली दान करना और दूसरी कर्म करना | इस कारण से भी हम कर्म करने की ओर अग्रसर हो सकते हैं और जीवन को सही दिशा में मोड़ सकते हैं|

अगला जन्म भी कर्म पर निर्भर

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के हिसाब से हमारा अगला जन्म भी हमारे कर्म पर ही आधारित होता हैं| अगर आप अच्छे कर्म करते हैं तो आपका अगला जन्म भी सफल हो सकता हैं | अत: इस बात को केन्द्रित कर हम कर्म कर सकते हैं

अपने आप को कर्मवीर कैसे बनाये

महान पुरुषो  की जीवनी पढ़ कर

आप किसी भी महान पुरुष की जीवनी पढेंगे तो उसमे पाएंगे की उसकी सफलता का सबसे बड़ा राज उसका अथक कर्म करना ही था| तो आप इन महान पुरुषो की जीवनी को पढ़ अपने आप को कर्मवीर बना सकते हैं|

लक्ष्य को साध कर

आपको अपने लक्ष्य को पहले ही साध लेना चाहिए अर्थात आपको जो कुछ भी पाना हैं उस लक्ष्य को अपने मस्तिष्क में केन्द्रित कर ले जिससे आपका मन इधर-उधर नहीं भटकेगा और आप एक ही लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी संपूर्ण शक्ति लगा देंगे|

कार्य को बाँट दे

जब कभी भी आपको कोई भी कार्य मुश्किल लगे तो उसे विभाजित कर ले ताकि कार्य की विशालता को देख कर आप कर्म से विमुख न हो जाए| कार्यों को छोटे-छोटे टुकडो में बाँट कर करने का प्रयास करें|

निरंतर परिश्रम करते रहें

निरंतर परिश्रम ही सफलता की कुंजी हैं| अगर आप सफल होना चाहते हैं तो अपने कार्यों में जीतोड़ मेहनत करें| ऐसा करने से आप कर्मशील व्यक्ति बन जायेंगे|

जुनूनी बने

अगर आप किसी कार्य को पूर्ण जूनून से करते हैं तो आपको आज नहीं तो कल उस कार्य में सफलता मिल ही जाती हैं| अत: कर्म करने के लिए अपने आपको जुनूनी बनाये|

किसी महान व्यक्ति को अपना आदर्श बनाये

अगर आपको सफल होना हैं तो आपको अपने क्षेत्र में सफल हुए किसी सफलतम व्यक्ति को अपना आदर्श बनाना होगा और उसी के पद चिन्हों पर चलकर ही आप सफलता को छु जायेंगे|


एक रात में सफलता


अपने बहुत व्यक्ति के बारे में सुना होगा कि वह व्यक्ति भाग्य या किस्मत का बहुत धनी हैं| उसकी किस्मत उस पर बहुत मेहरबान हैं| वह अगर मिटटी को भी छु लेता हैं तो वह भी सोना बन जाती हैं| वह तो एक रात मे ही करोडपति बन गया| लेकिन जब भी हम उसकी सफलता की गहराईयों में उतरेंगे तो हम पाएंगे की क्या  ये सफलता उसको एक रात में नहीं मिल गयी हैं बल्कि इस एक रात की सफलता के पीछे उसका हजारों रातों का कठोर कर्म हैं 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें