11/17/2015

About Mahatma Gandhi life in Hindi

महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi)
 
Mahatma Gandhi
Mahatma Gandhi

महात्मा गाँधी का संक्षिप्त इतिहास (Mahatma Gandhi History in brief)


राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को कौन नहीं जानता हैं, देश हो या विदेश, हर स्थान का व्यक्ति उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखता हैं| आज हम भारतवासी आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं तो ये सब गाँधी जी के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया था| गाँधी जी का सम्पुर्ण जीवन एक प्रेरणा था| उन्होंने अपना पूरा जीवन देश और देशवासियों को समर्पित कर दिया था| वैसे तो गाँधी जी एक आम इंसान थे, उनकी कद काठी भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं थी| लेकिन इस सूक्ष्म शरीर में हज़ारो लाखों संभावनाए छुपी हुई थी|  गांधीजी का जन्म अंग्रेजो के अधीन गुलाम भारत में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था| उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात राज्य में हुआ था| उनके पिता का नाम करमचंद था| गाँधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था| उन्होंने 1887 में मेट्रिक की परीक्षा उतीर्ण की थी और 1891 में इंग्लैंड से विधिवक्ता बनकर वह भारत देश वापस लौटे थे| गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा नामक महिला से हुआ था|

यधपि 1857 की क्रांति ने ब्रिटिश सत्ता को जड़ से उखाड़ फेकने का भरसक  प्रयास किया था, परंतु अंग्रेजी ताकत ने उस विद्रोह को पूरी तरह से कुचल कर रख दिया था। अंग्रेजो के शासन में सभी भारतीय घुट-घुट कर जीवनयापन कर रहे थे |  अंग्रेजो ने पुरे भारत देश पर कब्ज़ा कर लिया और ऐसी कोई भी आशा की किरण नहीं थी कि हम भारतीय कभी इस गुलामी की बेडियो को काट भी पाएंगे और आजादी की खुली हवा में साँस ले पाएंगे| अपने देश में ही हम पूरी तरह गुलाम थे|  अंग्रेजी हुकूमत पूरी तरह से भारत में डेरा डाल चुकी थी| उस समय हमारे देश की नई पीढ़ी अपने ही देश में जन्मजात गुलाम थे| इन परिस्थितियों में अगर उम्मीद की कोई किरण थी तो वह सिर्फ गाँधी जी ही थे | गाँधी जी में अभूतपूर्व शक्तियां थी| आओ हम सब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की उन शक्तियों को जानने का प्रयास करें जिन शक्तियों से गाँधी जी ने एक नामुमकिन कार्य को अंजाम दिया| और उस कार्य में पूर्णत: सफल होकर हमारे भारत देश को आजाद कराया| आओ हम सब उनके जीवन की इन शक्तियों के बारे में जानकर प्रेरित होकर अपनी सफलता का मार्ग प्रशस्त करें|

वे सभी शक्तियां यहाँ वर्णित हैं|

सत्य

गाँधी जी का सबसे शक्तिशाली अस्त्र उनका सत्य का साथ देना था| चाहे जीवन में उनकी कोई भी स्थिति रही हो उन्होंने सत्य का साथ कभी नहीं छोड़ा| उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी झूठ नहीं बोला था|

अहिंसा

गाँधी जी ने कभी भी हिंसा का साथ नहीं दिया था | उन्होंने देश को आजाद करने के लिए अहिंसा का मार्ग अपनाया| और अपने लक्ष्य को पाने में पुरी तरह कामयाब रहें|

क्रोध न करना

गाँधी जी का तीसरा और महतवपूर्ण अस्त्र उनकी कभी भी क्रोध न करने की आदत थी| गाँधी जी का बहुत ही सौम्य स्वभाव था| वह कभी किसी पर क्रोध नहीं करते थे | “एक बार दक्षिण अफ्रीका में उन्हें किसी व्यक्ति ने कुछ कागजो पर  गालियाँ लिख कर दे दी | कोई अन्य व्यक्ति होता तो वह क्रोध करने लगता, परन्तु गाँधी जी ने क्रोध न करते हुए उन कागजो को तो फेक दिया और उन पर लगा पिन अपनी जेब में रख लिया | और यह कहने लगे की ये पिन मेरे काम की वस्तु हैं इसीलिए इसको मैं अपने पास रख लेता हूँ|” इस महापुरुष को कोटि-कोटि प्रणाम|  

सादगी

गाँधी जी ने हमेशा सादे जीवन और उच्च विचार वाले सिद्धांत को चरितार्थ किया | वह हमेशा सादे, खादी के वस्त्र पहनते थे|
  

देश प्रेम

गाँधी जी हमेशा देश के प्रति प्रेम की भावना से ओत-प्रोत रहते थे| उन्होंने अपने देश प्रेम के वशीभूत होकर देश को आजाद कराया और अपने प्राणों की आहुति दे दी |

भेद भाव न रखना

गाँधी जी कभी किसी से भेदभाव नहीं रखते थे | वह तो सभी देशवासियों में अपने आप का दर्शन करते थे | उन्होंने बड़ा-छोटा, गरीब-अमीर, पशु-पक्षी किसी से भी कभी भेदभाव की भावना नहीं रखी|

हिन्दू मुस्लिम एकता बनाये रखना

महात्मा गाँधी ने अपने जीवन काल में हमेशा हिन्दू-मुस्लिम एकता को बनाये रखने का प्रयास किया था|

अच्छे बुरे का ज्ञान

गांधी जी में अच्छे और बुरे को समझने की विशिष्ट क्षमता थी| उन्हें सही रास्ते और गलत रास्ते का पहले से ही ज्ञान था|

बचत

गाँधी जी हमेशा बचत करने में विश्वास रखते थे| वह फिजूल खर्ची से तो कोसो दूर थे | उन्होंने अपने जीवनकाल में हमेशा बचत करने को प्राथमिकता दी थी|

कठिन परिश्रम करना

गाँधी जी का जीवन हमें कठिन परिश्रम करने की प्रेरणा देता हैं| गाँधी जी सुबह जल्दी उठकर चरखा चलाकर सूत कातते थे| और फिर पूरे दिन कठिन परिश्रम करते थे| उनका “साबरमती” से “दांडी” तक पदयात्रा उनके कठिन परिश्रम का बेजोड़ उदहारण हैं|
   

जीवन दूसरो को समर्पित

गाँधी जी ने अपना संपूर्ण जीवन दूसरो को समर्पित किया था| उनका तो जीना और मरना सभी दुसरे लोगो के लिए थे|

दूरदर्शिता

गाँधी जी दूरदर्शी थे| उन्हें पहले ही देश को आजाद करने का तरीका पता था| अपने दूरदर्शिता के बल पर ही उन्होंने भारत देश को आजाद कराया|

ईश्वर में पूर्ण आस्था

गांधी जी की ईश्वर में पूर्ण आस्था थी | जब उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे तो उनके मुख से अंतिम शब्द हे राम ही निकला था|

आज्ञाकारी पुत्र 

गाँधी जी अपने माता-पिता की आज्ञा का सदैव ही पालन करते थे| वह एक आज्ञाकारी पुत्र थे|

आओ हम सब इस महापुरुष का अनुसरण करें


गाँधी जी का संपूर्ण जीवन एक आदर्श था| आओ हम उपरोक्त सभी शक्तियों का अपने जीवन में समावेश कर अपने जीवन को सफलता की ओर मोड़ ले|

Mahatma Gandhi famous quote

"Live as if you were to die tomorrow; learn as if you were to live forever.
The weak can never forgive. Forgiveness is the attribute of the strong.
Happiness is when what you think, what you say, and what you do are in harmony"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें