11/03/2015

About Education in Hindi

पहचाने शिक्षा की शक्ति (Power of Education):


आज इस लेख में जिस अदभुत शक्ति के विषय में बताया जा रहा हैं वह शक्ति सिर्फ मनुष्य ही ग्रहण कर सकते हैं | जानवर उसे ग्रहण नहीं कर सकते हैं और उस शक्ति के आधार पर ही मनुष्य अपने जीवन में विशिस्ट स्थान को पाता हैं| उस शक्ति का नाम शिक्षा हैं| शिक्षा में वह शक्ति हैं कि जिस की उपलब्धि के सामने अन्य सभी उपलब्धिया छोटी साबित होती हैं| शिक्षा की शक्ति का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि एक बार किसी मनुष्य ने इसे ग्रहण कर लिया तो जीवन पर्यंत ये उसी की बनकर रह जाती हैं| उसे उससे कोई अन्य व्यक्ति चुरा भी नहीं सकता हैं| अगर कोई व्यक्ति गरीब हैं और उसने अथक प्रयासों से शिक्षा को ग्रहण कर लिया हैं तो उसके जीवन से गरीबी स्वत: ही चली जाती हैं| क्योंकि शिक्षित व्यक्ति के लिए कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता हैं | वह अपने क्षेत्र में बहुत ऊंचाई तक जा सकता हैं | वह जैसी नौकरी पाना चाहता हैं आसानी से पा सकता हैं| अगर उसकी रूचि किसी व्यवसाय में हैं तो वह व्यवसाय को अपने ज्ञान के आधार पर कई गुणा बढ़ा सकता हैं| दूसरी तरफ अशिक्षित व्यक्ति के लिए न कोई अच्छी नौकरी हैं और व्यवसाय चलाने में भी उसे खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं| यहाँ कुछ लोग सोच रहे होंगे कि इस बात कोई सच्चाई नहीं हैं कि शिक्षित होने पर ही आदमी व्यवसाय में सफलता प्राप्त करता हैं अन्यथा नहीं| आप सोचते होंगे कि हमारे शहर में एक अनपढ़ व्यापारी हैं लेकिन उसका व्यवसाय बहुत ही चलता हैं | और उसी व्यवसाय से वह एक करोडपति बन गया हैं | तो यहाँ ये देखने वाली बात हैं कि वह अनपढ़ व्यक्ति बेशक कभी विधालय से शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाया हो लेकिन वह अपने व्यवसाय में पूर्णत: शिक्षित हैं और यही बात उसकी सफलता की वजह हैं|

शिक्षा के प्रकार

1.)    शैक्षिक शिक्षा(Academic Education)
2.)    व्यवहारिक शिक्षा(Practical Education)

शैक्षिक शिक्षा : शैक्षिक शिक्षा से अभिप्राय उस शिक्षा से हैं जिसे हम विधालय में जाकर ग्रहण करते हैं| और साल दर साल अपनी शिक्षा को  आगे बढ़ाते रहते हैं| साल दर साल उस शिक्षा के आधार पर हमारी परीक्षा होती हैं और अगर हम उतीर्ण हो जाते हैं तो नयी कक्षा में प्रवेश पाते हैं और अगर परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर सही से न लिख नहीं पाते हैं तो उस परीक्षा के आधार पर हमें अनुतीर्ण कर दिया जाता हैं और तब हमें पुन: उसी कक्षा में ही अगले पूरे साल के लिए पढना होता हैं | और दोबारा परीक्षा देनी होती हैं | यह शिक्षा प्राय: आज सभी अभिभावक अपने बच्चों को दिलाने में प्रयासरत रहते हैं | यधपि शैक्षिक शिक्षा की भी आपकी लिए महत्वपूर्ण हैं परन्तु व्यवहारिक शिक्षा के आभाव में हम शायद ही इस शिक्षा को ग्रहण करने का पूरा-पूरा लाभ उठा पाए| हम साल दर साल प्रमाण पत्र तो इकठा करते रहेंगे पर जब जीवन में हमें उस शिक्षा के आधार पर नौकरी या व्यापार में जायेंगे तो हमें सफलता मिलना मुश्किल हो जायेगा क्योंकि हमारा ज्ञान सिर्फ पुस्तकों तक ही सिमित रहेंगा और किताबी ज्ञान के आधार पर सफलता को प्राप्त करना नामुमकिन हैं|

व्यवहारिक शिक्षा

यधपि व्यवहारिक शिक्षा का आधार भी शैक्षिक शिक्षा ही हैं | परन्तु आज के समय में इस प्रतियोगिता के युग में व्यवहारिक शिक्षा की महत्ता अधिक हैं | हमारी सरकारे भी इसी और विशेष ध्यान दे रही है कि सभी विधार्थियों को व्यवहारिक शिक्षा ही दो जाए| और सभी विधार्थी अपने भविष्य को उज्जवल बना सके और अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकें| आप जो कुछ भी सीखे उसे व्यवहार में लाना आवश्यक हैं|  

शैक्षिक शिक्षा को व्यवहारिक शिक्षा में बदलने की कला

क्योंकि व्यवहारिक शिक्षा का आधार शैक्षिक शिक्षा ही हैं| तो आप जो कुछ भी पुस्तकों में पढ़ें या किसी से सुने तो उसे अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करें| आप जो कुछ भी सीखे वह आपके जीवन में उतर जाना चाहिये| आपका ज्ञान सिर्फ किताबों तक न रहकर आपके द्वारा सिखा जाए और आगे आने वाली पीढ़ियों में भी उस शिक्षा का विस्तार किया जाए|

अपने शिक्षा के ज्ञान को कैसे बढ़ाये

अपने शिक्षा के ज्ञान को बढ़ने के लिए आपका उदेश्य हमेशा ज्ञान को अर्जित करने की तरफ होना चाहिए| आपको कभी भी अपने आप को ज्ञानी नहीं समझना हैं आपको हमेशा ज्ञान का प्यासा रहना हैं और जिस तरफ से और जहाँ से भी आपके ज्ञान में वृद्धी होती हो उस तरफ ही आप बढ़ जाएँ|

अगर याद किया हुआ भूल जाते हैं तो क्या करें
यहाँ इस लेख में ही एक और बात आप लोगो से साझा करना चाहता हूँ कि बहुत से विधार्थी यह सोचते हैं कि हमारे तो कुछ भी किताबों से पढ़ा हुआ भी याद तक नहीं रहता हैं तो हम कैसे शैक्षिक शिक्षा ग्रहण करें और उसके बाद उस शिक्षा को व्यावहारिक शिक्षा में बदलकर अपने जीवन में सफलता कैसे हासिल करें|

तो यहाँ दो पद्धति बताई जा रही हैं कि जिसकी मदद से आप अपने पढ़े हुए पाठ को अच्छे से याद कर सकते हैं |

1.)    तोडना
2.)    चित्रित करना

1.)    तोडना : तोडना से अभिप्राय यहाँ किसी वस्तु विशेष को तोडना नहीं हैं बल्कि आपको अपनी पाठ्य सामग्री को कई छोटे-छोटे हिस्सों में तोडना हैं और अपने संपूर्ण विषय को टुकडो में याद करना हैं|

2.)    चित्रित करना: अपने विषय को आप पहले चित्रित करें और फिर उसे याद करें| उदाहरण के लिए यदि आप किसी ऐतिहासिक ईमारत के बारे में पढ़ रहें हैं तो पहले उस ईमारत की तस्वीर अपने मन मस्तिस्क में बनायें और ऐसा महसूस करें कि आप उस ईमारत के पास ही खड़े हैं और वह सब जो उस पुस्तक में उस ईमारत के बारे में पढ़ रहें हैं उसको अपने सामने ही होता हुआ पायें| इस तरह आपको उस ईमारत के बारे में सभी कुछ बड़ी आसानी से याद हो जाएगा और तमाम उम्र आप उसे भूलेंगे भी नहीं|



व्यावहारिक शिक्षा से सफलता

क्योंकि अब आप जान चुके हैं कि व्यवहारिक शिक्षा कितनी महतवपूर्ण हैं इसी की मदद से सभी व्यक्ति सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं| हर व्यक्ति की सफलता में इस व्यवहारिक शिक्षा का बहुत ही महत्व हैं| तो आज ही हम अपने ज्ञान को व्यावहारिक बनाये और शिक्षा की शक्ति को पहचाने और सफलता के पथ पर बिना रुके आगे ही आगे बढ़ते जाएँ|




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