11/09/2015

about Teacher or Guru in Hindi

पहचाने गुरु की शक्ति (Power of Guru):
Guru
Guru
हमारे धार्मिक ग्रंथो में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, शिव और सभी देवताओं के समतुल्य माना गया हैं| और यह भी कहा गया है कि यदि आपके सामने गुरु और भगवान दोनों सामने खड़े हैं तो हमें गुरु की पूजा करनी चाहिये और गुरु को  भगवान से भी अधिक आदर देना चाहिए| गुरु के अन्दर वह शक्ति होती हैं जिससे भगवान को पाने तक का मार्ग भी दिखाई देने लगता हैं| अत: परमेश्वर की शीघ्र प्राप्ति भी गुरु के मार्गदर्शन से ही संभव हैं| गुरु की शक्ति को सदियों से माना गया हैं| प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं हैं जो गुरु के मार्ग दर्शन के बिना सफल हुआ हो| अत: हमें इस अभूतपूर्व शक्ति को तुरंत समझ लेना चाहिए और अपने जीवन में सफलता पाने का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए|

गुरु की जरुरत क्यों  
अब सवाल यह उठता हैं कि हमें गुरु की जरूरत क्यों पड़ती हैं ऐसा क्या कारण हैं कि किसी भी मनुष्य को बिन गुरु कुछ भी प्राप्त नहीं होता हैं|

जीवन की सफलता का आधार- प्रथम गुरु(माँ)  

गुरु ही हमारे जीवन में सफलता का आधार हैं| हम जब इस दुनिया में जन्म लेते हैं तो हमें इस दुनिया का कोई भी ज्ञान नहीं होता हैं | हम किसी भी व्यक्ति या  वस्तु विशेष से पुरी तरह अनजान होते हैं| हमारा मस्तिष्क भी पुरी तरह निष्क्रिय होता हैं और हम कुछ भी सोच समझ नहीं सकते हैं| तब हमारे जीवन में हमारे प्रथम गुरु का आगमन होता हैं और उस गुरु का नाम हैं –हमारी माँ| माँ को प्रथम गुरु की संज्ञा दी गयी हैं| माँ अपनी संपूर्ण दैविक शक्ति से हमें शिक्षित करती हैं| हमें खड़ा होना, चलना, बोलना आदि सिखाती हैं और धीरे-धीरे हमारे अन्दर संस्कार और समझ डालती हैं जिससे हमें अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती हैं और हम अपने जीवन को सफल बनाने के मार्ग में आगे बढ़ते हैं| अत: गुरु का प्रवेश तो हमारे जीवन में हमारी माँ के रूप में  जन्म के साथ ही हो जाता हैं |

गुरु ज्ञान का स्रोत

गुरु जीवन भर अपने अन्दर ज्ञान को अर्जित करते रहते हैं और अपने ज्ञान को अपने शिष्यों को नि:स्वार्थ दे देते हैं| अत: गुरु से गुरु ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें गुरु की जरूरत होती हैं|
   
देवी देवताओं को भी गुरु की जरुरत

हिन्दू धर्म में सभी देवी देवताओं चाहे वे राम हो या कृष्णा सभी को गुरु की जरूरत हुई थी| उनके पास तो अपर शक्तियां थी वो तो सब कुछ प्राप्त कर सकते थे फिर भी उन्होंने गुरु की शक्ति को पहचाना और  गुरु के चरणों में नत मस्तक हो खड़े हो गए | जब भगवान् और समस्त देवी शक्तियों को गुरु की जरूरत पड़ी हैं तो हम तो आम इंसान हैं| हमें तो गुरु की कहीं अधिक जरूरत हैं अत: हमें गुरु की इस अपार शक्ति को समझकर गुरु को अपने जीवन में अपनाना चाहिए|

जिन्दगी छोटी काम अधिक

आज का युग प्रतियोगिता का युग हैं| आज मनुष्य के पास समय की कमी हैं| अगर इंसान अपने आप से ही अपनी सफलता को खोजने निकले तो वह एक जन्म तो क्या कई जन्मों तक सफलता को नहीं छु पायेगा| अत: वह गुरु ज्ञान  की मदद से इस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकता हैं|

प्रयोग करने का समय नहीं

आज हमारे पास सफलता को प्राप्त करने के लिए प्रयोग करने का अधिक समय नहीं हैं| ऐसा न हो कि हम प्रयोग करते ही रह जाएँ और सफलता के सही रास्ते का पता ही न लगा पाए| अत: हमें गुरु की आवश्यकता होती हैं| जो सफलता की प्राप्ति में हमारी मदद कर सके|  

सभी महान व्यक्तियों का कोई न कोई गुरु

इस दुनिया में कोई भी महान व्यक्ति बिना किसी गुरु के महान नहीं बना हैं | सभी लोगो की सफलता के पीछे उनके गुरु का हाथ अवश्य ही हैं| आप दुनिया के इतिहास से लेकर वर्तमान तक को टटोल कर देख सकते हैं कि महान व्यक्तियों को महान बनाने वाला उनका गुरु ही तो हैं|

गुरु को कैसे पहचाने

अब हमारे मन में यह सवाल आता हैं कि गुरु को कैसे पहचाने या गुरु को कहाँ खोजे| हमें हमारा गुरु कहाँ मिलेगा| तो इसमें ज्यादा सोच विचार न कर हम सिफ इस निष्कर्ष पर निकलते हैं कि गुरु का चुनाव हम अपने सफलता के क्षेत्र के अनुसार करते हैं| उदाहरण के लिए अगर हमें किसान बनना है तो हमें किसी जवान या सिपाही को अपना गुरु बनाने का क्या लाभ | हमें जिस भी क्षेत्र में सफल होना हैं उसी क्षेत्र के श्रेष्ठ व्यक्ति को हमें अपना गुरु बनाने का प्रयास करना चाहिए| और जब वह व्यक्ति हमें मिल जाए तो बिना कोई वक़्त बरबाद किये हमें उनके चरणों में गिरकर उन्हें अपना गुरु बनने के लिए आग्रह करना चाहियें|

गुरु से गुरुज्ञान प्राप्त करने की विधि

गुरु से गुरुज्ञान प्राप्त करने के लिए सबसे पहले हमें
·        गुरु को भगवान के समान मानकर उनकी पूजा करनी चाहिए|
·      सिर को झुकाकर पूर्ण विनम्रता और आदर से गुरु के आदेशो का पालन करना चाहिए|
·        गुरु के समक्ष कभी भी ऊँची आवाज में बात नहीं करनी चाहिए|
·        गुरु से कभी भी आँख मिलकर बात नहीं करनी चाहिए|
·        हमें उस परम शक्ति का कभी भी उपहास नहीं करना चाहिए|
·        हमें उन्हें अपने हृदय में विराजमान करना चाहिए|
·        गुरु की बात कभी भी बीच में नहीं कटनी चाहिए|
·        गुरु में अपने भगवान् के दर्शन करने चाहिए|

ऐसा करने से आपको अपने गुरु से गुरु ज्ञान लेने में कभी भी कोई परेशानी नहीं होगी| और गुरु आपको सफलता के सभी गुर आसानी से सिखा देंगे|

गुरु के चरणों की धुल


अब हम गुरु की शक्ति को पूर्णत: पहचान गए हैं | अत: हमें एक भी क्षण की  देरी किये बिना अपने गुरु का चुनाव कर लेना चाहिए| अगर हमें गुरु के चरणों की थोड़ी सी धुल भी मिल जाए तो यह धुल भी हमारा जीवन सफल(Success) करने में सार्थक हैं| 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें