अनुशासन(Discipline)
![]() |
Discipline |
किसी भी कार्य को करने में अनुशासन(Discipline) महत्वपूर्ण हैं| अगर आप अनुशासित(Disciplined) बन जाए बाकी चीज़े स्वत: ही
होने लगती हैं और सफलता प्राप्ति का मार्ग सुगम होने लगता है| अनुशासन(Discipline) से तात्पर्य नियंत्रण से
है| अपने जीवन को बांधकर एक दिशा की ओर लक्ष्य तक ले जाना ही अनुशासन(Discipline) हैं| हमारी जीवन प्रणाली
भी पूर्णत: अनुशासित(Disciplined) होती हैं| हम जन्म लेते हैं और संपूर्ण जीवनकाल अपने जीवन का
यापन करने के पश्चात हम मृत्यु को प्राप्त करते हैं| यह जीवन-मरण का चक्र भी मनुष्य
के लिए पूरी तरह अनुशासित(Disciplined) होता है| हमारी श्वसन प्रणाली भी पूरी तरह अनुशासित(Disciplined) होती है| हम जीवन पर्यन्त
नियंत्रित श्वास लेते रहते हैं और इस प्रक्रिया से जीवनीय शक्ति को प्राप्त करते
हैं अगर हमारी सांसें(श्वास) अनियंत्रित हो जाए जीवन की डोर टूट जाएगी और हमारे
जीवन का अंत हो जायेगा|
हम अपने चारो ओर के वातावरण में भी हम अनुशासन(Discipline) के दर्शन कर सकते हैं|
सूर्य हर सुबह पूर्व की ओर से निकलकर और शाम के समय नियत समय पर पश्चिम दिशा में
छिप जाता हैं| चंद्रमा भी हर रात्रि आकाश में अपनी उपस्थिति दर्ज कर देता है ऐसे
ही आसमान में करोडो सितारे भी हर रात्रि आकाश को रोशन कर देते है| संपूर्ण
ब्रह्माण्ड में हर गतिविधि अपने आप में अनुशासित(Disciplined) हैं हमारे चारो ओर जो
प्राणवायु विचरित होती रहती हैं वह भी अनुशासित(Disciplined) हैं| ये नदिया, पहाड़,
झीले, झरने, बारिश का होना, बर्फ का गिरना, मौसम का बदलना सभी गतिविधिया पूर्णत:
नियंत्रित हैं, अनुशासित(Disciplined) हैं|
हम घर से निकलते है और बस अड्डे पर जाकर अपनी
गन्तव्य स्थान पर जाने वाली बस की प्रतीक्षा करते हैं| निर्धारित समय पर बस आती
हैं और हम अपने गन्तव्य की दिशा में आगे बढ़ जाते हैं| अगर बस का आगमन नियंत्रित या
अनुशासित(Disciplined) न हो तो क्या होगा क्या आप विश्वासपूर्वक अपने घर से कभी निकल पाएंगे क्या आप
अपने निर्धारित स्थान के लिए यात्रा पर जा पाएंगे| अनुशासन(Discipline) के महत्व की हम कभी अनदेखी
नहीं कर सकते| हवाई यात्रा, रेल यात्रा सब पुरी तरह अनुशासित(Disciplined) हैं और समय सारणी के
अनुसार अपनी सेवाए हमें प्रदान करती रहती हैं| हम अपने घर में टेलीविज़न को चालू कर
देते हैं कि हम अपना मनपसंद कार्यक्रम देख सके| अगर टीवी चैनल्स अनुशासित(Disciplined) न हो और समय पर कार्यक्रम
प्रस्तुत न करें तो क्या हम अपना टीवी शो देख पाएंगे| नहीं हम अपने शो से वंचित रह
जायेंगे| यह सब अनुशासन(Discipline) की शक्ति ही हैं जो हम अपनी इच्छानुसार अपने जीवन को चला सकते हैं|
रेडियो पर या टीवी पर प्रसारित होने वाले सभी
प्रोग्राम पूर्णत: अनुशासित(Disciplined) और नियंत्रित होकर हमें अपनी सेवाए प्रदान करते
रहते हैं| खेतो में किसान, सीमा पर जवान सभी अनुशासन(Discipline) में रहकर देश की सेवा कर
रहे हैं| किसी भी व्यवसाय से जुड़ा व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ
प्रदर्शन कर देश के विकास में अपना योगदान दे रहा हैं| हमें अपने परिवार में भी अनुशासन(Discipline) में रहने की शिक्षा दी
जाती हैं| और स्कूल में भी अनुशासित(Disciplined) रहने पर ही जोर दिया जाता
हैं|
अनुशासित(Disciplined) कैसे बने
उपरोक्त लेख के माध्यम से हम अनुशासन(Discipline) के महत्तव को पूर्णत: समझ
चुके हैं| क्योंकि अनुशासन(Discipline) के बिना हमारा जीवन अधुरा हैं और अनुशासित(Disciplined) बनकर हम अपने जीवन में जो
कुछ चाहे वह प्राप्त कर सकते हैं| कुछ बातो पर ध्यान देकर हम आसानी से अपने आप को अनुशासित(Disciplined) बना सकते हैं|
आदत में शुमार
अनुशासित(Disciplined) बनने के लिए सबसे पहले हमें
अपनी जीवन शैली को नियंत्रित करना पड़ेगा और अपने लक्ष्यों से जुड़े महतवपूर्ण
कार्यो को दिन-प्रतिदिन नियम से कर उन्हें अपनी आदत में शुमार करना पड़ेगा| ऐसा
करने से हम स्वत: ही उन आवश्यक कार्यो को करने लगेंगे और लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग
आसान हो जायेगा|
समय के पाबंद बने
हमें समय के पाबंद होना सीखना होगा| हर जगह
निर्धारित समय से कम से कम पांच मिनट पहले पहुंचना चाहिए| अपने आप को किसी भी अन्य
व्यक्ति से ‘लेट लतीफ़’ मत कहलवाओ| समय के पाबंद बने और अनुशासित(Disciplined) बने रहे|
तुरंत कार्यवाही
अनुशासित(Disciplined) बनने के लिए आपको कार्यो
को करने के लिए तुरंत ही कार्यवाही करनी होगी| अगर आप कार्यों को करने में विलम्ब
करते हैं तो कार्यो को करने का उत्साह कम होने लगता हैं और आप अनुशासित(Disciplined) नहीं बन पाएंगे|
आलस्य त्यागे
आलस्य का त्याग करने से भी आप अपने जीवन को अनुशासित(Disciplined) कर पाएंगे| इसिलिए आज ही
आलस्य को त्याग कर पुरी तरह अनुशासित(Disciplined) हो अपने सभी आवश्यक
कार्यों को पूर्ण करें|
अनुसरण करें
हमें हमेशा अच्छी चीजों का खोजी होना होगा जहाँ
कहीं भी हमें अच्छाई दिखाई दे हमें तुरंत ही उसका अनुसरण करना चाहिए अपने जीवन में
उस अच्छाई को लाना होगा| अच्छे लोगो का, अच्छी चीजों का अनुसरण कर हम अपने आप को अनुशासित(Disciplined) कर सकते हैं|
प्रकृति से सीखे अनुशासित(Disciplined) रहना
आप प्रकृति से भी अपने जीवन को अनुशासित(Disciplined) करना सीख सकते हैं| कैसे
एक छोटा सा बीज धीरे-धीरे अनुशासित(Disciplined) रहकर सर्दी, गर्मी, आंधी,
तूफ़ान और बरसात की यातनाये सहन कर एक पेड़ बन जाता हैं और हमें छाया और फल देता
हैं| इसी तरह से हमें भी सभी कठिनाइयों से पार पाकर अनुशासन(Discipline) में रहकर अपने लक्ष्यों को
प्राप्त करना चाहिए|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें